हम दोनों नो का दल जिसका नाम चील की निगाह थी। इस दल में और बहुत से छात्र थे जिसमें से हमने बहुतों से दोस्ती की लेकिन हम दोनों ने सोच लिया था कि हम दोनों इस दल में सबसे ऊपर रहेंगे।
हम लोग की पहली क्लास जिसका नाम रूपांतरण था उसमें हमारी टीचर का नाम मिस पूजा थी।
हमें इसमें सिखाया जाता है कि रूप या चीजों को कैसे दूसरी चीजों में बदला जाए या दूसरे रूप में बदला जाए।
हमारी क्लास शुरु हो चुकी थी और हमारी टीचर नहीं दिखाई दे रही थी और सामने एक कबूतर उड़ रही थी एक छात्र जिसका नाम सददाम था। उसने पूछा यह कबूतर क्यों उड़ रहा है और हमारी टीचर कहां है तभी वह कबूतर एक लड़की में बदल गई और वह हमारी टीचर थी जिसका नाम मिस पूजा थी।
टीचर ने उसको बुलायी और उसको कहा यही रूपांतरण है इसमें अपने आप को या किसी चीज को बदलना सिखाते हैं।
हमारी टीचर ने सबसे पहले कहा कि आपको पहले किसी चीज को बदलना सीखना होगा तब आप अपने आप को बदलना सीख पाएंगे।
उन्होंने एक गिलास को बदलने के लिए एक छात्र को चुना जिसका नाम सोनी थी सोनी पढ़ने में और मंत्र बोलने में बहुत अच्छी थी। मिस पूजा ने कहा कि सबको रूप पतिबरताराम बोलना है और मन में सोचना है कि तुम्हें उसे क्या चीज में बदलना है सब लोग बोल रहे थे पर वह मंत्र से कुछ नहीं हो रहा था। और जब सोनी ने बोला तो वह गिलास एक पतीला बन गया। मिस पूजा ने सोनी की तारीफ की और बोला कि तुम बहुत अच्छा कर रही हो जाओ अब अपने सीट पर बैठ जाओ।
सोनी के बगल वाली लड़की ने बोला कि तुम कैसे कर ली मैं तो कर ही नहीं पाई उसने बोला मैं घर में पढ़ती थी रूपांतरण के बारे में। सोनी ने पूछा तुम्हारा नाम क्या है उस लड़की से। उस लड़की ने बोला मेरा नाम ईशा है और मेरी दोस्त का नाम चांद है।
अली ने उस गिलास को एक चम्मच में बदल दिया और मैंने गिलास को प्याले में बदला। अली बोला चल भाई आज इसी में खीर खाएंगे मैंने कहा ठीक है बैग में भर ले प्याले और चम्मच को।
अब हमारी पहली क्लास खत्म हो चुकी थी। दूसरी क्लास शुरू हो गई जिसमें अली चाहता था कि मैं इसमें बहुत अच्छा करूं क्योंकि वह उसकी पसंदीदा क्लास थी। उस क्लास का नाम जड़ी बूटी विज्ञान था।
हमारी टीचर जिनका नाम एंजेल आसना थी।
अली को इस क्लास के बारे में बहुत कुछ मालूम था उसको मालूम था जड़ी बटी विज्ञान में किस किस तरह के जड़ी बूटियों और उसका इस्तेमाल कैसे होता है इसलिए अली उस क्लास का नंबर वन छात्र बनने वाला था।
सबसे पहले टीचर ने बताया कि पानी में सास लेने के लिए किस किस जड़ी बूटियों को मिलाकर उसका काढ़ा बनाया जाए। तो हम पानी में सास ले सकते हैं। हम और अली ने उस काढ़ा को सबसे अच्छा बनाया और हमने प्रयोग किया तो हमें आधे घंटे से भी ज्यादा देर तक पानी में सांस ले सकते थे। और बहुत से छात्रों ने बनाया तो वह इतने देर तक सांस नहीं ले सकते थे क्योंकि उन्होंने अच्छी तरह से उस काढे को नहीं बनाया।
आधा दिन बीत चुका था अब हमें अपने अपने स्कूल के रूम में जाकर आराम करना या फिर मजे करना था। मैंने और अली ने सबसे पहले खीर बनाई और उस खीर को उस प्याले में डालकर खाने लगे हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था तब हमारे साथ सददाम आकर बोला की तुम लोग यहां मजे कर रहे हो हमने बोला तू भी खा ले उसने बोला खा तो लूंगा पर स्कूल में बहुत सी रहस्यमई जगह और चीजें हैं तो रात को चले मस्ती करने।
अली बोला ठीक है।
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