उस रात अली ने बोला ठीक है।
हम तीनों सबके सोने का इंतजार कर रहे थे और जैसे ही 12:00 बजा सददाम बोला सब सो चुके हैं अब हम लोग को चलना चाहिए। अली बला कहां जाएंगे हम लोग मैंने भी बोला बात तो सही बोल रहा है अली। सददाम बता कहां जाएंगे सबसे पहले घूमने के लिए उसने बोला स्कूल का जादुई तहखाना वहां बहुत से रहस्यमई चीजें हैं। मैंने बोला कि वहां पर एक राक्षस है वहां नहीं चलते हैं वरना हम तीनों बहुत बड़ी मुसीबत में पड़ जाएंगे।
अली बोला क्यों डर रहा है युसूफ चलना चलते हैं सददाम बोला राक्षस जैसी कोई चीज नहीं होती चल चलते हैं डर मत सब ठीक है मैंने कहा इतना कहीं रहे हो तो चलो।
जब हम तीनों अपने कमरे से निकले और उस तहखाने की ओर बढ़े तो हमें किसी की आवाज सुनाई दे रही थी।
अली और मैं छुप गए सददाम वहीं खड़ा था। हमने छुपके देखा की वहां से तीन लड़कियां आ रही थी और यह वही 3 लड़कियां थी जिसका नाम सोनी ईशा और चांद था।
जब उन तीनों ने सददाम को देखा तो उनमें से चांद चिल्ला कर बोली यह तो भूत है और ईशा बेहोश हो चुकी थी।
जब सोनी ने देखा तो उसने बोला यह तो सददाम है। अली और मैंने जब ईशा को बेहोश होते देखे तो हम सामने आ गए और बोला तुम तीनों कहां जा रही थी उसने बोला हम तीनों जादुई तहखाने में जा रहे थे और सददाम ने हम लोगों को डरा दिया। अली ने एक घुसा लगाया सददाम को और सददाम ने पूछा ऐसा क्यों किया बे अली बोला तुम ने इन तीनों को क्यों डराया। मैंने कहा सही तो बोल रहा है अली तुमन इन तीनों को क्यों डराया।
सददाम अब गुस्सा हो गया और बोला मैं नहीं जाऊंगा तुम लोगों के साथ जादुई तहखाने में। सोनी बोली तुम लोग भी जा रहे थे है ना मैंने बोला ऐसा कुछ नहीं है और सददाम को बाथरूम जाना था इसीलिए हम लोग बाथरूम ढूंढ रहे थे।
मैंने बात टाल दी ईशा होश में आ चुकी थी अब उसने बोला तुमने मेरे को क्यों डराया बे सददाम ने माफी मांगा अली बोला क्या हम लोग भी तुम्हारे साथ चल सकते हैं चांद बोली कि नहीं हमें तुम लोग के साथ नहीं जाना।
ईशा बोली चांद को कि वहां पर कोई खतरा हुआ तो क्या करेंगे उनको लेकर चलते हैं चांद ने भी हां कर दी सोनी ने बोला तुम लोग चल सकते हो हमारे साथ।
अब हम सब लोग तहखाने की ओर बढ़ने लगे कुछ ही पलों में हम वहां पहुंच गए तहखाने के बाहर खड़े थे और दरवाजे में एक ताला लगा हुआ था। चांद ने बोला कि इस ताले को कैसे खोलें तभी अली ने सोनी से बोला कि तुम रूप परिवर्तन के क्लास में बहुत अच्छा कर रही थी तुम क्या किसी चीज को चाबी में नहीं बदल सकती ईशा ने बोला योजना तो बहुत अच्छा है।
हमारे आसपास कुछ लालटेन थे सददाम ने बोला इस लालटेन को चाबी मैं बदल दो सोनी ने बड़े आराम से उस लालटेन को चाबी में बदल दिया और हम लोगों ने ताले को खोल दिया।
जब हम तहखाने के अंदर गए तो उसमें बहुत सी चीजें थी हम लोग मैं तहखाने के और अंदर गए उसमें खाली कमरा था पर हम खाली कमरे से पहले एक कमरे में गए तो उसमें एक जादुई बक्सा था इस बक्से मैं आपको जिंदगी में सबसे ज्यादा जिस से डर लगता है वह इस बक्से मैं बंद रहता है और आपको अपने डर को मिटाने के लिए इस बक्से को खोल कर उससे लड़ना पड़ता है।
इसके बारे में चांद को बहुत कुछ मालूम था उसने यह सब बताया और हम लोगों ने बोला ऐसा बक्सा जैसा कुछ नहीं होता तो मैं उस बक्से को खोलने के लिए जा रहा था सददाम ने बोला यह शायद सही बोल रही होगी रहने दे यहां पर बहुत लोग हैं बेकार में तेरी बेइजती हो जाएगी। मैंने अली से बोला बात तो सददाम सही बोल रहा है। मैंने इसलिए सबको बोला कि रहने दो मैं नहीं खोलूंगा शायद वह चीज तुम सब के ऊपर ना हमला कर दे इसलिए हम लोग उस खाली कमरे में बढ़ने लगे।
ईशा बोली की इस जादुई तहखाने में बहुत से राक्षस या शैतान रहते हैं तो हमें इस कमरे के आगे नहीं जाना चाहिए सब लोगों ने बोला जो होगा देखा जाएगा और हमने उसको देखाने के लिए खोला और आगे की ओर बढ़े तभी एक कोने से हमें कुछ सुनाई दिया।
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