कहानी शुरू होती है एक जहाज से जो की रसमई जगह को खोजने में लगा हुआ था। उस जहाज में बहुत से लोग थे। और उस जहाज का कैप्टन आजमीन था। और मेरा नाम युसूफ है और मेरे दोस्त का नाम अली है।
मैं और अली बातें कर रहे थे उस जगह का क्या नाम है जहां हम लोग जा रहे हैं। अली बोला वह तो मेरे को भी नहीं मालूम तभी एक लड़की आती है और वह बताती है कि उस जगह का नाम अटलांटिस है। और वह 100 सालों में एक बार ही सतह पर आता है।
उसने अपना नाम सोनी बताया और वह इतना बोल कर ही चली गई। तभी जेफरीना आती है और बोलती है तुम लोग क्या कर रहे हो अली बोलता है हम लोग सिर्फ बातें कर रहे हैं। अटलांटिस के बारे में।
हम सभी लोगों को 3 हफ्ते हो चुके थे अपने जहाज में रहते रहते। एक दिन हम लोगों के साथ बहुत बुरा हुआ हम लोगों को अपनी जहाज में कुछ बड़ी चीज टकराती महसूस हुई और मौसम भी बहुत खराब चल रहा था।
और हमारे जहाज का हाल बहुत बुरा होने लगा जहाज बस कुछ ही पलों में टूट ने लगा। जहाज में अफरा-तफरी का माहौल था अब बहुत से लोग पानी में कूदने लगे मैं और अली जहाज पलटने के कारण पानी में गिर चुके थे।
हम दोनों पानी में तैरते हुए एक लकड़ी के ऊपर आ गए और हम दोनों की हालत बहुत बुरी हो चुकी थी और हम उसी लकड़ी के ऊपर बेहोश हो चुके थे और जब कुछ देर बाद हमारी आंखें खुली तो हम बहुत खतरनाक आइलैंड पे थे।
मैंने जल्दी से उठ कर अली को ढूंढा वहां एक बड़े पत्थर के पास सो रहा था मैंने अली को उठाया और अपने आसपास देखा तो हमें अपना कैप्टन आजमीन और सोनी जेफरीना को आईलैंड के किनारे बेहोश देखें।
और भी बहुत से लोग थे पर उनमें से हम ही लोग जिंदा थे पूरे आईलैंड पर इधर उधर लोगों के शरीर पारे हुए थे। मैं और अली जाकर चेक करने लगे इस आईलैंड पर कुछ काम का सामान मिल जाए।
हम पांचों लोग पहले कुछ काम का समान ढूंढने लगे तभी सोनी आवाज लगाती है कि इधर एक गुफा है हम सभी लोग वहां पहुंचे तो देखा वाह बहुत डरावनी गुफा थी और हम लोगों ने सोचा इस गुफा में हम लोग रात में रुक सकते हैं जैसे ही हम उस गुफा के अंदर गए तो हम अलग ही दुनिया में पहुंच चुके वह बहुत जादुई दुनिया लग रही थी।
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