Princess Story in Hindi


राजकुमारी आयशा और जारा की कहानी

बहुत पुरानी बात है जब एक राज्य में दो लड़कियां जन्मी राजा की बड़ी बेटी का नाम राजकुमारी जारा और छोटी बेटी का नाम राजकुमारी आयशा रखा गया।

राजकुमारी जारा बहुत चालाक थी। उसने बचपन से ही अपनी छोटी बहन आयशा को बहुत नीचे और बेकार बना के रखा जरा बहुत शैतान और चालाक लड़की थी बचपन से ही अपनी बहन को बहुत सताया करती रहती।

एक दिन जब राजा ने दोनों बेटियों को बुलाया और राजा ने कहा इस राज्य को संभालने के लिए हमें अब तुम दोनों में से किसी एक को रानी बनाना होगा।

जारा ने कहा मैं बन जाती हूं रानी राजा ने कहा ऐसे में नहीं बना सकता तुम दोनों में से किसी को भी रानी और ना ही इस राज्य को संभालने की अनुमति दे सकता हूं।

जारा अब बहुत गुस्से में हो गई थी। उसने सोच लिया था कि मैं ही इस राज्य की रानी बनूंगी और मैं किसी को नहीं बनने दूंगी उसने मंन मे हीं सोच लिया मैं राजा को मार कर इस राज्य की रानी बन जाऊंगी।

आयशा समझ चुकी थी उसकी बहन रानी बनने के लिए कुछ भी कर सकती है उसने अपने पिता को समझाने की कोशिश की। की जारा आपको मार सकती है।

राजा सोचने लगा कि मेरी बेटी मुझे नहीं मार सकती उसने अपनी छोटी बेटी को समझाया ऐसा कुछ नहीं होगा तुम्हारी बहन ऐसा कुछ नहीं कर सकती।

राजा के इतना बोलते हैं। उसकी छोटी बेटी वहां से चली गई और अगले ही दिन उसे पता चला उसके पिता की हत्या कर दी गई है। उसे पता था कि उसकी बहन ने ही यह क्या है पर उसकी बातों पर कोई विश्वास नहीं कर रहा था।

कुछ दिन बीतने के बाद जारा वहां की रानी बन जाती है आयशा जो सब जानती थी जारा को पता था। उसने अब सोच लिया था आयशा को भी जिंदा नहीं छोड़ सकती वरना वह सबको बता देगी कि मैंने क्या किया। 

जारा ने अपने सारे राज्य के लोगों को झूठ बोल दिया की आयशा ही ने राजा को मारा था। अब सबको रानी की बात माननी पड़ी क्योंकि जो जारा की बात नहीं मानता उसको वह मरवा देती।

राज्य में सबको मालूम था की राजा की हत्या आयशा ने नहीं जारा ने की पर उसके खिलाफ कोई नहीं जा पाता क्योंकि एक बार एक बच्चे ने बोलने की जुर्रत की जारा उसको महल के बेसमेंट में बंद करवा दिया था। 

ना चाहते हुए भी रानी जारा की बात माननी पड़ी और रानी अगले ही दिन आयशा को खत्म करने का हुक्म दे देती है। राज्य के कुछ लोग जो राजकुमारी आयशा के साथ थे उन्होंने रात के अंधेरे में आयशा छुड़ाने का योजना बनाया।

उन लोगों ने राजकुमारी आयशा को छुड़ा लिया क्योंकि महल के कुछ सैनिक भी आयशा के साथ है उन्होंने बड़े आराम से आयशा को वहां से बाहर निकाला।

अब रानी को पता चल गया की आयशा भाग चुकी है उसने अपने कुछ सैनिकों को ढूंढने के लिए बोला। महल में अब कुछ ही सिपाही तैनात थे इसका फायदा उठाते हुए आयशा जारा के पास गई।

जारा ने बोला तुम तो खुद ही मरने आ गई आयशा बोली तुमने पिता को क्यों मारा जारा बोली मैं बचपन से ही यहां की रानी बनना चाहती थी।

मुझे अपने पिता को मारना ही था अब मैं तुम्हें भी मार दूंगी इतना बोलते ही उन दोनों में लड़ाई शुरू हो चुकी थी कुछ देर लड़ते लड़ते आयशा थक चुकी थी।

जारा अब आखरी हमला करने वाली थी तभी आयशा अपनी समझदारी दिखाते हुए तुरंत ही हट गई और जारा गिर गई और ना चाहते हुए भी आयशा को जारा को मारना पड़ा सबको पता चल गया कि जारा मर चुकी है।

कुछ दिनों के बाद वहां की रानी आयशा बनी। और उस राज्य में मानो ऐसा हो गया जैसे हर दिन कोई त्यौहार के जैसे बीतने लगा।



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